



एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था, जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन का जीवन संघर्ष से भरा था। वह हमेशा सोचता था कि जीवन का उद्देश्य क्या है? क्यों हम जन्म लेते हैं, क्यों हमें कठिनाइयाँ झेलनी पड़ती हैं, और आखिरकार जीवन का सच्चा अर्थ क्या है?
अर्जुन ने कई किताबें पढ़ी, बड़े-बड़े महात्माओं से सुना, और बहुत से साधुओं से मिलने की कोशिश की, पर वह हमेशा निराश ही होता था। हर किसी का उत्तर अलग था और वह उन उत्तरों से संतुष्ट नहीं हो पाता था। उसे लगता था कि सच्चाई कहीं छिपी हुई है, और उसे वह सच्चाई मिलनी चाहिए।
एक दिन, अर्जुन ने सुना कि गांव के बाहर एक पुराने साधू बाबा रहते हैं, जो जीवन के गहरे रहस्यों को समझते हैं। अर्जुन ने सोचा, "यह मेरा अंतिम प्रयास होगा।" वह साधू के पास पहुँचा और उनसे जीवन के सत्य के बारे में पूछा।
साधू बाबा ने उसे ध्यान से सुना और कहा, "अर्जुन, जीवन का सत्य इतना सरल है कि लोग उसे समझ नहीं पाते। हम हमेशा बड़े और जटिल उत्तरों की तलाश करते हैं, लेकिन जो सबसे सरल है, वह हमारे सामने होता है।"
अर्जुन ने कहा, "क्या आप मुझे यह सत्य बता सकते हैं?"
साधू बाबा मुस्कुराए और बोले, "तुमने देखा है न, नदी कैसे बहती है? जब नदी के पानी में कोई अवरोध आता है, तो वह उसे पार कर जाती है। किसी चट्टान को पार करने के लिए नदी अपनी दिशा बदलती है, लेकिन कभी रुकी नहीं रहती। ठीक वैसे ही जीवन है। हमें हर समस्या का सामना करना होता है, लेकिन हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। जीवन का सत्य यही है कि जीवन रुकने का नाम नहीं है।"
अर्जुन ने कुछ देर सोचा और फिर कहा, "तो क्या इसका मतलब यह है कि हमें हर कठिनाई से लड़ना चाहिए?"
साधू बाबा ने सिर हिलाया और कहा, "नहीं, अर्जुन। जीवन का सत्य यह नहीं है कि हम सिर्फ लड़ें, बल्कि यह है कि हमें हर पल को जीना चाहिए। हर कठिनाई एक अवसर है, हर खुशी एक उपहार है। जो कुछ भी हो, हमें जीवन को पूरी तरह से स्वीकार करना चाहिए।"
अर्जुन को एकाएक समझ में आ गया। वह अब जान गया था कि जीवन का सत्य यही है कि उसे हर अनुभव से सीखना है, हर पल को जीना है, और कभी भी हार नहीं माननी है। उसने साधू बाबा का आभार व्यक्त किया और वापस अपने घर लौट आया।
उस दिन से अर्जुन का जीवन बदल गया। वह अब हर कठिनाई को अवसर के रूप में देखता और हर खुशी को एक आशीर्वाद के रूप में स्वीकार करता। उसे समझ में आ गया था कि जीवन का सत्य बहुत सरल है, बस उसे महसूस करना होता है।
और इस प्रकार, अर्जुन ने जीवन का सत्य जान लिया और उसे जीने की कला सीख ली।